आशियां

28 July, 2024

चलो, बनाएं एक आशियां,

जहाँ सिर्फ तुम और हम हों।


जहाँ हमारा प्यार हो,

एक दूसरे के लिए दुलार हो,

जहाँ बोध गया जैसा अहसास हो,

जहाँ सच्चाई संघ शांति का वास हो,

जहा हो जाये तब्दिल सारी अव्यवस्था सुव्यवस्था में,

वैसा कुछ वहा का माहौल हो


जहाँ के पानी में आराम हो,

जहाँ की हवा में जैसे के सिया राम हो,

जहाँ की छतों पर सिर्फ तुम हम,

वह चाय की प्याली और सुंदर आसमान हो,


चलो, बनाएं एक आशियां,

जहाँ सिर्फ तुम हम और हमारा प्यार हो।


Footnotes
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